नई दिल्ली |
हाल ही में कुछ सप्ताह पहले जब 24 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के सुकमा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे, तब क्रिकेटर गौतम गंभीर ने इस हमले में शहीद हुए जवानों के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। गौतम गंभीर जो अक्सर यह कहते रहे हैं कि उनका पहला प्यार क्रिकेट नहीं बल्कि सेना है, उन्होंने शहीद जवानों के बच्चों की शिक्षा का खर्च उठाने के अलावा 9 मई को IPL में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ जीता अपना मैन ऑफ द मैच का खिताब भी शहीदों के नाम कर दिया था। इस मैच में कोलकाता नाइट राइडर्स ने दिल्ली डेयरडेविल्स को हराया था।
गौतम गंभीर की टीम का कहना है कि शहीदों के बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने के मामले में उन्होंने कुछ प्रगति की है। यह टीम 25 शहीदों में 16 शहीदों के परिजनों से संपर्क कर चुकी है। बाकि के शहीद हुए सैनिकों के परिजनों से संपर्क कर पाना फिलहाल चुनौती साबित हो रहा है क्योंकि उनके कॉन्टैक्ट नंबर पुराने हैं और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने के कारण अभी तक उनसे संपर्क नहीं हो पाया है।