भोपाल।
प्रदेश में किसानों से जुड़े विभिन्न् संगठनों की ओर से शनिवार को प्रस्तावित चक्काजाम और रेल रोको आंदोलन को देखते हुए पुलिस मुख्यालय ने पुलिसकर्मियों की अन्य सभी ड्यूटियां निरस्त कर दी हैं। सभी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को कहा गया है कि जिला पुलिस बल, होमगार्ड, रेडियो सहित अन्य शाखाओं को यूनिफार्म में उपस्थिति रखा जाए। जरूरत के हिसाब से कार्यपालिक मजिस्ट्रेट की ड्यूटी तय की जाए। जहां भी जरूरत हो वन और आबकारी अमले का इस्तेमाल किया जाए।
पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी मैदानी अधिकारियों को दिए निर्देश में कहा गया कि पुलिस अधीक्षक जिला मजिस्ट्रेट से समन्वय करके धारा 144 के तहत कार्रवाई करवाएं। ये देखने में आया है कि ग्रामीण इलाकों में सार्वजनिक स्थानों पर तोड़फोड़ करने वाले उपद्रवियों की गिरफ्तारी के बाद थाने लाए जाने पर आसपास के लोग उन्हें छुड़ाने की कोशिश करते हैं।
ऐसी स्थिति से निपटने के लिए जिला, थान और अनुभाग स्तर पर यूनीफार्म और बलवा किट के साथ बल को थाने में रखें। पुलिस अधीक्षक ये तय करें कि पुलिस बल सुबह सात बजे ड्यूटी पर पहुंच जाए। रेलवे की सुरक्षा के लिए जीआरपी और आरपीएफ थानों से संपर्क में रहें। 9 से 11 जून तक किसान आंदोलन से होने वाले घटनाक्रम की जानकारी कंट्रोल रूप पुलिस मुख्यालय को भेजे।
वहीं, पुलिस महानिरीक्षक मकरंद देउस्कर ने बताया कि अब तक किसान आंदोलन में 231 प्रकरण थानों में दर्ज हो चुके हैं। इसमें सबसे ज्यादा 109 देवास में, नीमच में 4, मंदसौर 28, धार 19, उज्जैन में 20 और रतलाम, बड़वानी व राजगढ़ में भी एफआईआर दर्ज की गई है।
आंदोलन में अब तक 108 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। 27 सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया है तो तीन थानों में आग लगाई गई। 8 पुलिस चौकी को जलाया गया है। 191 निजी वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। आंदोलन के दौरन भोपाल में 53, देवास 18, धार 60 और मंदसौर में 28 गिरफ्तारी हुई। एसएसबी की तीन कंपनियों शुक्रवार रात प्रभावित क्षेत्रों में जाएंगी।