चंडीगढ़ |
पंजाब की कल्चरल पॉलिसी को अंतिम रूप देने के लिए चंडीगढ़ के पंजाब भवन में कल्चरल और पर्यटन मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों की एक मीटिंग बुलाई जो तकरीबन 5 घंटे चली । इस मीटिंग में पंजाब की कल्चरल पॉलिसी को अंतिम रूप देने के लिए साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों के विचार जाने गए । इसके अलावा सिद्धू ने किसानों के कर्ज माफी को लेकर भी मीडिया से बातचीत की ।
बुद्धिजीवियों के विचार सुनने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए ने पर्यटन मंत्री ने कहा कि यह पॉलिसी अपने अंतिम चरण में है और इस माह के अंत में ड्राफ्ट पॉलिसी बनकर तैयार हो जाएगी। इस पर अब युवाओं के भी विचार लिए जाएंगे जिनके लिए इस पॉलिसी का निर्माण किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कल्चरल और टूरिज्म विभाग की पहले बहुत अनदेखी की गई है लेकिन मैं विश्वास दिलाता हूं कि आने वाले दिनों में यह पंजाब के नाम को चार चांद लगा देगा। सभ्यता के साथ व्यापार हमारा उद्देश्य है। हम टूरिज्म और साहित्य के द्वारा अपने पंजाब को खुशहाल करना चाहते हैं।
किसानों के कर्ज माफी को लेकर बोलते हुए सिद्धू ने कहा कि पंजाब सरकार किसानों के कर्ज को लेकर बहुत गंभीर है। उन्होंने कहा कि हम सिर्फ कर्ज माफी के बारे में ही नहीं बल्कि कर्ज चढ़ने के कारणों के बारे में भी सोच रहे हैं । इसके साथ-साथ उसका हल करने की कोशिश कर रहे हैं तांकि भविष्य में किसानों पर दोबारा कर्ज का बोझ न बढ़े ।
कांग्रेस नेता ने कहा कि सभी लोग आज कर्ज माफी की बात करते हैं पर कर्ज चढ़ने के कारणों के बारे में किसी ने आज तक नहीं सोचा। सिद्धू ने कहा कि कर्ज पर काबू पाने के लिए कुछ सुझाव दिए। उन्होंने कहा सभी किसानों का बैंक खाता होना चाहिए और सारी कर्ज की रकम चाहे वह किसी से भी ली हो का भुगतान चैक द्वारा होना चाहिए।
दूसरा सुझाव किसान लिए हुए कर्ज का दुगनी कीमत तक ही किश्त अदा करें ना कि वह ब्याज के साथ 50 गुना अदा करें। तीसरा सुझाव किसान के फसल का बीमा होना अनिवार्य होना चाहिए। यदि तीनों बातें लागू कर दी जाए तो किसानों को बार-बार के कर्ज से निजात मिल सकती है।