लखनऊ |
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुछ संशोधनों के साथ नई औद्योगिक नीति के ड्राफ्ट को स्वीकृति प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री ने देर रात उत्तर प्रदेश औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति, 2017 के ड्राफ्ट प्रस्तुतिकरण के दौरान नीति से जुड़े सभी महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर तक विस्तृत विचार-विमर्श किया और अपने संशोधन सम्बन्धी सुझाव दिए। योगी द्वारा सुझाए गए संशोधनों को पूरा करने के बाद अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग की वेबसाइट पर आज अपलोड कर दिया जाएगा। वेबसाइट पर लोगों के सुझावों और आपत्तियों के मद्देनजर इस नीति को अन्तिम रूप प्रदान किया जाएगा। तत्पश्चात् इसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
इस नीति का उद्देश्य अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना, पूंजी निवेश, रोजगार सृजन और संतुलित आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। इसके लिए बुनियादी अवस्थापना सुविधाओं को उपलब्ध कराए जाने तथा प्रक्रियाओं का सरलीकरण किए जाने की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड तथा अन्य पिछड़े क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहन दिया जाए। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ युवाओं में आत्मनिर्भरता तथा उद्यमशीलता को प्रोत्साहित करने पर विशेष फोकस हो।
योगी ने कहा कि वेबसाइट पर अपलोड किए जाने के बाद जनसामान्य के साथ-साथ उद्यमियों, उद्योगपतियों, उद्योग समूहों के सुझावों का भी संज्ञान लेते हुए नई उद्योग नीति को अन्तिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रक्रियाओं, नियमों को तर्कसंगत बनाते हुए सिंगल विण्डो सिस्टम के तहत समयबद्ध स्वीकृतियां सुनिश्चित किए जाने की व्यवस्थाएं की जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि आईटी ,आईटीईएस और आईटी स्टार्ट-अप उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, डेरी, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, हथकरघा, वस्त्र एवं रेशम उद्योग, पर्यटन और फिल्म सम्बन्धी उद्योगों के लिए विभागीय नीतियां भी शीघ्र प्रस्तुत की जाएं।