लखनऊ |
मध्य प्रदेश के मंदसौर में हिंसक प्रदर्शन और पुलिस फायरिंग में किसानों की मृत्यु पर दु:ख व्यक्त करते हुए बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर दमनकारी रवैया अपनाने का आरोप लगाया है। मायावती ने कहा कि केन्द्र और भाजपा शासित राज्यों में गरीबों, मकादूरों, किसानों और अन्य मेहनतकश लोगों के प्रति विरोध एवं दमनकारी रवैया समाप्त नहीं हो रहा है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं हरियाणा आदि राज्यों के किसान अपनी फसल की उचित कीमत आदि की जायका मांगों को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं, उन पर भाजपा की सरकार लाठियां एवं गोलियां बरसा रही है। यह दु:खद एवं शर्मनाक है।
उन्होंने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ किसानों की हालत सरकारी उदासीनता के कारण बदहाल है। देश के करोड़ों गरीब, मजदूर और किसान वर्ग के लोग विभिन्न प्रकार के कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। भाजपा सरकार इनके कर्ज माफी की बार-बार घोषणा करती है मगर पूरा नहीं करती। सरकार को अपना वायदा निभाना चाहिये और विदेशों से कालाधन वापस लाकर देश के प्रत्येक गरीब परिवार के हर सदस्य को 15 से 20 लाख रुपये देने के अपने चुनावी वायदे को पूरा करना चाहिए। किसानों की कर्ज माफी के सम्बंध में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार को भी आगे आना चाहिए और अपने सहयोग को प्रभावित राज्यों में केवल अतिरिक्त सुरक्षा बल भेजने तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए।
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि बसपा की मध्य प्रदेश यूनिट के लोग किसानों की मांगों के समर्थन में उनके साथ खडे हैं और उनसे पूरी सहानुभूति रखते हैं लेकिन वहां भाजपा सरकार होने के कारण पीड़ित परिवारों से नहीं मिल सकते। देश के करोड़ों गरीबों, मजदूरों, किसानों व अन्य मेहनतकश तबकों के प्रति भाजपा सरकार का रवैया विरोधी रहा है। यही कारण है कि मोदी सरकार ने केन्द्र में अपनी सरकार बनते ही धन्नासेठों के पक्ष में सबसे पहले नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाकर किसानों को उनकी कामीन से बेदखल करने का प्रयास किया।