शिवसेना ने आज किसानों के आंदोलन को लेकर महाराष्ट्र सरकार पर हमला बोला और उस पर किसानों की एकता तोडऩे के लिए उनके बीच दरार डालने का आरोप लगाया। शिवसेना ने आरोप लगाया कि इससे पहले मराठा आंदोलन को कुचलने के लिए भी इसी प्रकार की कोशिश की गई थी। पार्टी मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कहा, ‘यदि किसानों की मांगें स्वीकार की जातीं, तो वे फूलों से मुख्यमंत्री का स्वागत करते, लेकिन सरकार के कुछ लोगों ने सदाभाउ खोट (कृषि राज्य मंत्री) को अपने साथ ले लिया और किसानों की एकता तोडऩेे की कोशिश की।’
क्या किसानों की कोई मांग मानी गई?
इसमें कहा गया है, ‘बांटो और राज करो की नीति अपनाई गई है। जो लोग मुख्यमंत्री से बात करने के लिए उनके आवास ‘वर्षा’ गए थे उन्हें यह जवाब देने की जरूरत है कि क्या किसानों की कोई मांग मानी गई।’