रायगढ़।
महानदी जल विवाद को लेकर फिर से ओडिशा और छत्तीसगढ़ में जुबानी जंग तेज हो गई है। अबकी बार ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक की छत्तीसगढ़ के मुखिया रमन सिंह को लिखी चिट्ठी से मामला गरमाया है। पटनायक ने छत्तीसगढ़ पर कलमा बैराज का गेट बंद कर महानदी का पानी रोकने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जताई है।
उन्होंने इसे अपने राज्य की जनता के साथ सरासर अन्याय करार दिया है और तत्काल बैराज का गेट खोलने की मांग की है। इधर राज्य के जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने पटनायक के आरोपों को भ्रामक व तथ्यहीन बताते हुए कहा है कि यह चिट्ठी जबरदस्ती लिखी गई है।
वे बेवजह इसे फिर मुद्दा बना रहे हैं। उनका कहना है कि ओडिशा सरकार चाहती है कि 1902 की तरह महानदी में पानी बहे, लेकिन अब मानसून का पैटर्न बदल गया है इसलिए ऐसा करना तर्कसंगत नहीं होगा।
महानदी पर बैराज बनाए जाने पर आपत्ति दर्ज कराते हुए ओडिशा सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट में मामला दर्ज करा चुकी है। उसका तर्क है कि हीराकुंड डेम बनने के बाद नदी तट अधिकार 1945 का उल्लंघन करते हुए महानदी पर डेम व बैराज निर्माण कर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है।
3 जून को लिखे पत्र में पटनायक ने कहा है कि पानी रोक देने से झारसुगड़ा, बरगढ़, सम्बलपुर सहित कई जिलों में गंभीर जलसंकट है। अतः तत्काल बैराज के बंद गेट खोले जाएं। दरअसल जब से केलो नदी पर डेम बना है और कलमा सहित कई बैराज बनाए जा रहे हैं तब से ओडिशा व छत्तीसगढ़ सरकार के बीच तनातनी चल रही है।