नई दिल्ली।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंड्री एजुकेशन (सीबीएसई) ने इस बार 12वीं के छात्रों को नंबर बढ़ाकर देने में दरिया दिली दिखाई है। छात्रों को 11 नंबर तक अतिरिक्त दिए गए हैं। सीबीएसई ने इस साल से अपनी नंबर बढ़ाकर देने यानी मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने का फैसला लिया था।
मगर, कोर्ट के निर्देश के बाद सीबीएसई को मॉडरेशन पॉलिसी को जारी रखना पड़ा और उसने लिमिट से आगे बढ़कर नंबर बांट दिए। अकाउंटेंसी में छात्रों को 11 नंबर, गणित में 10 और भौतिकी एवं रसायन में छात्रों को 8-8 नंबर बढ़ाकर दिए गए हैं।
इसके अलावा सवालों के कठिनाई के स्तर और अन्य त्रुटियों के लिए अलग से नंबर बढ़ाकर दिए गए हैं। सीबीएसई ने उन छात्रों को भी 10 नंबर ग्रेस मार्क्स के तौर पर दिए हैं, जो पास होने लायक अंक भी नहीं ला सके थे। इस साल मॉडरेशन पॉलिसी के कारण सीबीएसई के 12वीं क्लास का रिजल्ट भी देरी से जारी हुआ है।
एक वकील और एक अभिभावक ने मॉडरेशन पॉलिसी को खत्म करने के सीबीएसई के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने अभिभावक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए सीबीएसई से मॉडरेशन पॉलिसी को जारी रखने का निर्देश दिया था।
सीबीएसई के पूर्व अध्यक्ष अशोक के गांगुली ने कहा कि प्रश्नपत्र के विभिन्न सेटों के बीच मीन मार्क्स में तरह की परिवर्तनशीलता फर्स्ट प्लेस में नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर प्रक्रिया ठीक से कर ली गई है तो मार्क्स में मॉडरेशन नहीं किया जा सकता है। इससे पहले, एक से तीन अंकों का नियमन पर्याप्त था।