नई दिल्ली।
भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकारी बैंकों के लोन डिफॉल्टरों की सूची सार्वजनिक करने से इंकार कर दिया है।
सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत एक्टिविस्ट सुभाष अग्रवाल ने यह जानकारी मांगी थी। उन्होंने एक करोड़ या इससे ज्यादा की राशि के डिफॉल्टरों की सूचना देने का आग्रह किया था। रिजर्व बैंक ने सरकार के आर्थिक हितों और वाणिज्यिक गोपनीयता का हवाला देते हुए सूची देने से मना कर दिया।
हालांकि ऐसे ही मामले में 16 दिसंबर 2015 को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्व बैंक की इन दलीलों को खारिज कर दिया था। अग्रवाल के मामले की सुनवाई केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) में हो रही थी। सूचना आयुक्त मंजुला पराशर और सुधीर भार्गव की पीठ के समक्ष रिजर्व बैंक ने यह दलील भी दी कि सुप्रीम कोर्ट अभी ऐसे एक मामले की सुनवाई कर रहा है, जिसमें सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट मांगी गई है। इसलिए अग्रवाल की याचिका पर फैसला अभी नहीं होना चाहिए।