लखनऊ |
राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने उम्मीदवार को लेकर सत्तारूढ़ राजग द्वारा चुप्पी साधे रहने के बीच प्रमुख विपक्षी पार्टियों की योजना शीर्ष पद के लिए संयुक्त प्रत्याशी के नाम को अंतिम रूप देने की खातिर अपने प्रयासों में तेजी लाने की है। इसके लिए उनके क्षेत्रीय दलों से संपर्क करने की संभावना है।
विपक्षी सूत्रों ने कहा कि राजनीतिक रूप से एक दूसरे की प्रतिद्वंद्वी सपा और बसपा को एकसाथ लाने की कोशिशें हो रही हैं। ओडि़शा में नवीन पटनायक की बीजद को भी साथ लाने के प्रयास हो रहे हैं। राजग उम्मीदवार के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार के लिए सक्रिय वरिष्ठ विपक्षी नेताओं के अगले कुछ दिनों में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और पटनायक से मिलने की संभावना है। विपक्ष भाजपा की सहयोगी शिवसेना से भी संपर्क कर सकता है जो अक्सर अपने गठबंधन सहयोगी के साथ उलझती है। शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र दोनों जगह भाजपा के साथ सत्ता में भागीदार है।
सर्वसम्मति से उम्मीदवार बनाए जाने की चर्चा को उस समय बल मिला जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के लिए दूसरा कार्यकाल का समर्थन किया और राजग सरकार से उनके नाम पर सहमति बनाने का आग्रह किया। राष्ट्रपति बनने के पहले मुखर्जी कांग्रेस के सदस्य थे। लेकिन कांग्रेस ने अभी तक उनके लिए दूसरे कार्यकाल के समर्थन में कोई टिप्पणी नहीं की है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह जिस उम्मीदवार का नाम प्रस्तावित करती है, उसके संबंध में सर्वसम्मति तैयार करने के लिये प्रयास करे। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात की संभावना कम ही है कि मोदी सरकार दूसरे कार्यकाल के लिए मुखर्जी का समर्थन करेगी।