भोपाल |
मध्य प्रदेश में सरकारी तंत्र के दुरुपयोग का मामला सामने आया है, जहां सोमवार को राज्य सरकार द्वारा आयोजित सामूहिक शादी समारोह में सरकारी स्कूल के 400 शिक्षकों को ‘वेटर’ के तौर पर काम कराया गया। यह वाकया सिंगरौली जिले में हुए मुख्यमंत्री कन्यादान योजना कार्यक्रम का है। शिक्षकों के विरोध के चलते उन्हें सीएम शिवराज सिंह चौहान के आने से ठीक पहले ही वहां से हटा दिया गया।
सिंगरौली जिले में आयोजित मुख्यमंत्री कन्यादान योजना कार्यक्रम के लिए शिक्षकों को जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) की तरफ से खाना परोसने का लिखित आधिकारिक आदेश मिला था। सभी शिक्षकों को यह स्पष्ट तौर पर निर्देश था कि उन्हें कौन-कौन सा खाना परोसना है। कुछ शिक्षकों को पूड़ी सर्व करने का आदेश था तो कुछ को सब्जी। वहीं कुछ को दाल तो कुछ को चावल। राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक जोशी ने जिला शिक्षा अधिकारी से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
शादी कार्यक्रम में आए 2390 जोड़ों और उनके परिजनों को खाना परोसने के लिए वेटर के काम में लगाया गया था। विरोध कर रहे शिक्षकों ने वेटर के तौर पर काम करने को अपमानजनक बताया। वहीं बलराम सिंह नामक एक शिक्षक ने कहा, ‘जब हमें ऐसा करने का आदेश मिले, तो फिर हम क्या कर सकते हैं। यह काम करना के अलावा हमारे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था। हमसे किसी कार्यक्रम में खाना परोसने को पहली बार कहा गया है।’