मुंबई |
कालेधन पर रोक लगाने की सरकार की तमाम कोशिशों के बीच कुछ जगहों पर ब्लैकमनी को कुछ इस तरह वाइट किया जा रहा है कि उस पर कानूनन कोई सवाल नहीं उठा सकता।मुंबई के कालबादेवी इलाके की एक गली में एक सामान्य सी बिल्डिंग के टॉप फ्लोर पर कुछ कमरों में रेनूकामता क्रेडिट सोसायटी चलती है। शहर के मनी मार्केट से जुड़े लोगों के अलावा शायद ही किसी ने इस सोसायटी का नाम सुना होगा। बिल्डिंग के अंधेरे में डूबी और टूटी सीढ़ियों और पान की पीक से रंगी दीवारों के बीच से गुजरते हुए आप इस सोसायटी के ऑफिस में पहुंचते हैं, जहां कुछ नौजवान चाय पीकर टाइम काटते दिख जाएंगे।
ज्यादातर लोग इस ऑफिस, पास के छोटे ट्रेडर्स और होलसेलर्स पर ध्यान नहीं देंगे, लेकिन वे लोग इसकी अनदेखी नहीं कर सकते जिन्हें पता है कि सोसायटी की इस मुंबई ब्रांच से 2,000 करोड़ रुपये के कैश का लेनदेन हुआ है। सोसायटी अपने मेंबर्स से कैश डिपॉजिट लेती है और वह उनके कहने पर किसी दूसरे शहर में पैसा ट्रांसफर करती है। वह मेंबर्स से इस मामले में कोई सवाल नहीं करती। वैसे तकनीकी तौर पर इस काम में कोई कानून भी नहीं तोड़ा जाता। यह ऐसी दुनिया है, जहां नोटबंदी और डिजिटल करेंसी की छाया नहीं पड़ी है।