नई दिल्ली।
कश्मीर में हालात बिगाड़ने के लिए आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा से फंड लेने के आरोपों में घिरे हुर्रियत नेताओं की मुश्किलें बढ़ गई हैं। एनआईए ने अब इस मामले की जांच करने का फैसला किया है और इस जांच में गिलानी के अलावा अन्य हुर्रियत नेता भी आएंगे।
नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने शुक्रवार को बताया की आतंक रोधी जांच एजेंसी की टीम श्रीनगर पहुंच गयी है और गिलानी, हुर्रियत के गिलानी धड़े के प्रांतीय अध्यक्ष नईम खान, JKLF नेता फारुक अहमद डार और तहरीक ए हुर्रियत नेता गाजी जावेद बाबा से पूछताछ करेगी।
जांच एजेंसी ने बताया, ‘कश्मीर में विध्वंसक गतिविधियों के लिए लश्कर ए तैयबा के चीफ हाफिज मुहम्मद सईद व अन्य पाकिस्तानी आतंकियों और एजेंसियों द्वारा हुर्रियत नेताओं को दिए जाने वाले फंड के लिए प्रारंभिक जांच का मामला एनआईए ने दर्ज कर लिया है।‘
बता दें कि हुर्रियत नेताओं पर यह आरोप है कि कश्मीर घाटी में सुरक्षा बलों पर पथराव, स्कूलों व अन्य सरकारी संस्थानों को जलाने जैसी हिंसक गतिविधियों के लिए उन्हें पाकिस्तान से फंड मिलता है। घाटी में पत्थरबाजी के लिए हुर्रियत को पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों और ISI से फंडिंग होती है। एनआईए ने आइएएनएस से बताया, ‘टीम जल्द ही पूछताछ के लिए हुर्रियत नेताओं को बुलाएगी।‘ एक निजी चैनल द्वारा इस पूरे मामले को सामने लाए जाने के बाद हुर्रियत नेताओं से पूछताछ के लिए यह कदम उठाया गया है।
एनआईए अधिकारी ने बताया कि उस निजी चैनल से इस मामले पर किए गए स्टिंग के वीडियोज के लिए नोटिस भेजा गया है। इस चैनल ने 16 मई को यह स्टिंग किया था जिसमें हुर्रियत नेता रिपोर्टर से बात करता हुआ नजर आ रहा है जिसमें उसने पाकिस्तान से फंड मिलने की बात को स्वीकार किया है। चैनल द्वारा किए गए स्टिंग में नईम खान कैमरे पर यह कहते नजर आए थे कि पाकिस्तान से आने वाला पैसा सैकड़ों करोड़ से ज्यादा है, लेकिन हम और ज्यादा की उम्मीद करते हैं।‘