नई दिल्ली |
बोफोर्स सौदे के बाद पहली बार सेना के इस्तेमाल के लिए दो नई तोपें भारत पहुंच गई हैं। 2 अल्ट्रा लाइट 145 M-777 हॉवित्जर तोपें अमेरिका से ट्रायल के लिए भारत आ गई हैं। पाकिस्तान से लगी सीमा पर रक्षा तैयारियों के लिहाज से सेना के लिए यह अहम घटनाक्रम है। हालांकि, शुरुआत में इन तोपों को चीन की सीमा पर तैनात करने की भी योजना थी। बता दें कि 1986 में बोफोर्स तोपों की खरीद के बाद इसके सौदे में दलाली के आरोपों ने भारतीय राजनीति में इतना बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था कि नई तोप खरीदने में करीब 3 दशक का वक्त लग गया।
क्या है खासियत
पिछले साल 26 जून को पहली बार जानकारी दी गई कि भारत 145 तोपों की खरीदारी करेगा। नवंबर आते-आते भारत और अमेरिका के बीच इसके लिए डील हो गई। भारतीय सेना की खातिर 737 मिलियन डॉलर की डील की गई। अमेरिकी कंपनी बीएई सिस्टम्स को इन तोपों को बनाने का जिम्मा सौंपा गया। इन तोपों की रेंज 24 से 40 किलोमीटर है। इनका वजन चार टन से थोड़ा ही ज्यादा वजन है क्योंकि इन्हें टाइटैनियम से बनाया गया है। हल्के होने की वजह से बेहद ऊंचाई वाले मोर्चों मसलन-16 हजार फीट की ऊंचाई पर लद्दाख और चीन से सटे लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर तैनात किया जा सकता है। इन तोपों से इंडियन आर्मी के 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को लैस किया जाएगा।