नई दिल्ली |
सरकार ने कालेधन के सृजन पर रोक लगाने के उद्देश्य से बहुपक्षीय संधि पर हस्ताक्षर करने को आज मंजूरी प्रदान कर दी जिससे कर चोरी करने के उद्देश्य से बेस ईरोजन और लाभ स्थानातंरित करने पर लगाम लगाई जा सकेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह मंजूरी दी गई।
ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2015 में जी 20 और ओईसीडी की बैठक में मोदी ने यह मुद्दा उठाया था जिसके बाद दुनिया भर के देश इस संधि के लिए तैयार हुए और अब भारत इस संधि पर हस्ताक्षर करेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने हस्ताक्षर करने को मंजूरी प्रदान कर दी है। दुनिया भर में 3 हजार से अधिक संधि की गई है जिससे संशोधित करना संभव नहीं है। इसी के मद्देनजर यह संधि की जा रही है ताकि कोई भी कम कर या शून्य कर वाले देशों में बेस ईरोजन या लाभ हस्तातंरित नहीं कर सकेगा।
कंपनियां विशेषकर बहुराष्ट्रीय कंपनियां कर चोरी करने के उद्देश्य से लाभ हस्तातंरित करती है। यह हस्तातंरण ऐसे देशों की इकाइयों में किया जाता है जहां बहुत कम कार्पोरेट कर है या जहां यह कर शून्य है।