नई दिल्ली |
गर्मियों के मौसम में अनिद्रा और तनाव से निजात दिलाने का दावा करने वाले ठंडे तेलों से आंखों की रोशनी कमजोर पडऩे और तंत्रिका संबंधी बीमारियां होने का खतरा हो सकता है।
अमिताभ बच्चन से की प्रचार नहीं करने की अपील
पिछले दो सालों के दौरान पूर्वांचल और बिहार के करीब 500 मरीजों पर शोध करने के बाद, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) के वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट प्रोफेसर विजयनाथ मिश्र ने महानायक अमिताभ बच्चन से कपूर मिश्रित ठंडे तेल का प्रचार नहीं करने की अपील की है। प्रोफेसर का कहना है कि कपूर मिश्रित ठंडे तेल के नियमित प्रयोग से आंखों की रोशनी प्रभावित होती है। इसके साथ ही मस्तिष्क में सूजन और तंत्रिका संबंधी अन्य बीमारियां होने का भी खतरा रहता है।
डीएसटी को भेजी गई रिर्पोट
प्रोफेसर मिश्रा ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया बेवसाइट ट्विटर पर सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से बाजार में बिकने वाले कपूर्र मिश्रित तेलों का विज्ञापन नहीं करने की गुजारिश की है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के चिकित्सा विज्ञान संस्थान (आईएमएस) की ओर से केन्द्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नॉलजी (डीएसटी) को इसके बारे में 71 मरीजों की एक विस्तृत समीक्षा रिपोर्ट भेजी गई है। उन्होंने बताया कि आईएमएस ने इस रपट में डीएसटी से बाजार में बिकने वाले ठंडे तेलों में कर्पूर की मात्रा निर्धारित करने की अपील की है।