पटना |
इंकम टैक्स विभाग ने मंगलवार सुबह लालू प्रसाद यादव के 22 ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापे बेनामी संपत्ति के मामले में मारे गए हैं। वहीं इस छापेमारी के बाद बिहार में सियासी पारा काफी गरम हो गया है। इस पर नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। कुछ नेता इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बता रहे हैं, तो कुछ इसे सही मान रहे हैं।
आयकर विभाग की कार्रवाई पर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा इसके बाद अब नीतीश कुमार को यह तय करना है कि वो सरकार में लालू के साथ रहेंगे या जाएंगे। मोदी ने कहा कि मैंने प्रेस कांफ्रेंस करके इस मामले को सार्वजनिक किया था, मैंने कोई दस्तावेज नहीं सौंपे थे। इसमें प्रेमचंद गुप्ता, लालू समेत आधे दर्जन नेताओं का नाम मैंने लिया था। मैंने अपील की थी, जिसके बाद यह छापेमारी की थी। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नीतीश कुमार ये नहीं कहेंगे कि ये छापेमारी बदले की भावना से की गई है।
-कांग्रेस नेता और मंत्री अवधेश सिंह ने लालू का बचाव करते हुए कहा कि भाजपा ने राजनीति से प्रेरित होकर यह कार्रवाई की है।
-जदयू के प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा कि यह आयकर विभाग का मामला है और इस बारे में कुछ बोलना ठीक नहीं होगा।
-दानिश रिजवान ने कहा है कि अब भी नीतीश कुमार लालू परिवार को ईमानदारी का सर्टिफिकेट देंगे क्या?
-वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि भाजपा लालू को खत्म करना चाहती है। वहीं दूसरी ओर केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि लालू ने बहुत संपत्ति अर्जित की है और नीतीश, लालू और उनके दोनों बेटों के खिलाफ कार्रवाई करें। लालू के करीबी और अधिवक्ता चितरंजन सिन्हा ने लालू आवास से निकलने के बाद मीडिया से कहा कि उन्हें किसी भी प्रकार की छापेमारी की जानकारी नहीं है।