चेन्नई |
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी.चिदंबरम तथा उनके पुत्र कार्ति चिदंबरम के चेन्नई स्थित आवास समेत कई अन्य ठिकानों पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने आज छापेमारी की। सीबीआई ने सोमवार को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। पूर्व वित्त मंत्री के करायी कुड़ी आवास के अलावा अन्य स्थानों पर भी छापे मारे गए। सूत्रों के अनुसार यह छापेमारी आईएनएक्स मीडिया समूह को विदेशी निवेश की मंजूरी दिलाने के मामले में कार्ति चिदंबरम की कथित संलिप्तता के संदर्भ में की गई है। गत 17 अप्रैल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 40 करोड़ रुपए से अधिक जुड़े विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) कानून के उल्लंघन को लेकर कार्ति चिदंबरम और उनसे कथित तौर पर संबंधित कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उनके खिलाफ एयरसेल-मैक्सिस केस में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की भी जांच की जा रही है। वहीं दिग्विजय सिंह ने इस छापेमारी की कड़ी निंदा की है और इसे बदले की कार्रवाई बताया।
मेरी आवाज खामोश करने की कोशिश: चिदंबरम
एफआईपीबी की हर मंजूरी कानूनी प्रक्रिया के मुताबिक हुई है। एफआईपीबी में भारत सरकार के पांच सचिव शामिल थे। मंजूरी देने वाले अधिकारियों या मेरे खिलाफ इस मामले में कोई आरोप नहीं है। सरकार सीबीआई और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। सरकार मुझे चुप कराना और मेरे लिखने पर रोक लगाना चाहती है, जैसा कि उसने तमाम विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, स्तंभकारों, एनजीओ और नागरिक संगठनों के साथ किया है, इससे मैं बोलना और लिखना बंद नहीं करने वाला।