चारमीनार |
एक हिंदू ने रमजान के पाक महीने में मक्का मस्जिद में हजारों नमाजियों को धर्मोपदेश देना चाहता है। ऐसा पहली बार हुआ है कि प्रशासन के पास ऐसा कोई आवेदन पहुंचा है। अब प्रशासन इस अनोखे आवेदन की जांच में जुट गया है।
रमजान के महीने में हर शुक्रवार को यौम-उल-कुरान का आयोजन किया जाता है। यह वह दिन होता है जब धार्मिक और राजनैतिक समूहों के नेता नमाजियों को उपदेश देते हैं। सालों से मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और मजलिस-ए-बचाओ तहरीक मस्जिद में नमाजियों को संबोधित करते आए हैं।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग से जुड़े सूत्रों ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि धर्मोपदेश के लिए आवेदन भेजने वाले शख्स का नाम एएस राव है। उन्होंने बताया कि राव ने वादा किया है कि वह उपदेश में असंसदीय भाषा का प्रयोग नहीं करेंगे और उनकी स्पीच पैगम्बर मोहम्मद की तारीफ में होगी।
सूत्र ने आगे बताया, ‘हमें कुछ दिनों पहले ऐप्लिकेशन मिली और ऐसा आवेदन पहली बार मिला है। राव ने कहा है कि वह कुछ गलत नहीं कहेंगे। हम इस पर विचार कर रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारी इस ऐप्लिकेशन पर अंतिम फैसला लेंगे।’ उन्होंने यह भी बताया कि धर्मोपदेश की इजाजत मांगने वाला तेलंगाना राष्ट्र समिति का वर्कर होने का दावा कर रहा है।
एक अन्य सूत्र के मुताबिक, ‘आवेदक से पुलिस का अप्रूवल लेने के लिए कहा जाएगा। उसे पुलिस से एनओसी लानी होगी।’ उन्होंने बताया कि इस तरह के आवेदन ने विभाग की भौंहे खड़ी कर दी हैं, विभाग कोई रिस्क नहीं लेना चाहता।