नई दिल्ली |
तीन तलाक पर सुनवाई आज दूसरे दिन भी सुप्रीम कोर्ट में जारी है। इस मसले पर सलमान खुर्शीद ने इस्लाम में निकाह, मेहर और तलाक को लेकर अपनी दलील दी। चीफ जस्टिस जे.एस. खेहर की अध्यक्षता में पांच जजों की बेंच ने ट्रिपल तलाक के मामले में सुनवाई की। खुर्शीद की दलील पर जस्टिस रोहिंगटन नरीमन ने उनसे पूछा कि इस्लाम में निकाह और तलाक़ को लेकर मौजूद व्यवस्था में थ्यौरी और व्यावहारिकता में जो अंतर है, क्या आप ये बताना चाहते हैं? क्या आप चाहते हैं कि कोर्ट उस व्यवस्था को लागू करे जो इस्लाम में है? इस पर सलमान खुर्शीद ने कहा कि हां लेकिन कोर्ट को इस मामले में कोई कानून नहीं बनाना चाहिए बल्कि इस्लाम में जो बेहतर तरीका बताया गया है, उसे बताना चाहिए। जब तीसरी बार तलाक बोला जाता है तो वो वापस नहीं हो सकता, लेकिन इसके लिए तीन महीने का वक्त होता है। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी को इस पर फिर सोचना चाहिए।
क्या तीन तलाक वैध है
निजी तौर पर कोर्ट की मदद कर रहे पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद ने कहा कि मेरी निजी राय में तीन तलाक पाप है। जस्टिस कूरियन जोजफ ने पूछा-क्या जो धर्म के मुताबिक ही घिनौना है वो कानून के तहत वैध ठहराया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि जो पाप है क्या उसे शरियत में लिया जा सकता है? इस पर खुर्शीद ने कहा कि नहीं ठहराया जा सकता चाहे वो संवैधानिक तौर पर वैध हो तो भी।