नई दिल्ली |
उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को निर्देश दिया है कि वह न्यायालय की अवमानना मामले में सजा की मात्रा पर सुनवाई के लिये कारोबारी विजय माल्या की 10 जुलाई को उसके समक्ष पेशी सुनिश्चित करे। विजय माल्या इस समय ब्रिटेन में हैं।
न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित की पीठ ने माल्या को न्यायालय की अवमानना का दोषी ठहराया है क्योंकि उन्होंने अपनी संपत्ति के पूरे विवरण का खुलासा नहीं करके उसके आदेशों की अवज्ञा की है और ब्रिटिश फर्म डियागो से मिले चार करोड़ डॉलर अपने तीन बच्चों के नाम हस्तांतरित करके कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन किया है।
भारत ने हाल ही में ब्रिटेन से विजय माल्या का शीघ्र प्रत्यर्पण सुनिश्चित करने का आग्रह किया है। विजय माल्या अपनी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस से संबंधित बैंकों का नौ हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज नहीं लौटाने के मामले में आरोपी हैं। न्यायालय की अवमानना के अपराध में अधिकतम छह महीने की सजा या दो हजार रुपए का जुर्माना या दोनों हो सकता है।