जयपुर।
बिहार के बाद अब उदयपुर के चूहों के भी शराबी होने की बात सामने आई है। उदयपुर में आबकारी विभाग के जमादार ने अदालत में चूहों के शराब पी जाने का बयान दिया है।
आबकारी विभाग की ओर से करीब आठ साल पहले पकड़ी गई शराब के मामले में न्यायालय ने रिकाॅर्ड तलब किया तो मालखाना इंचार्ज खाली बोतलें व पव्वे लेकर पहुंच गया। उसने न्यायालय में तर्क किया दिया प्राकृतिक कारणों के कारण शराब नष्ट हो गई। मालखाने में या तो शराब चूहे पी गए या फिर बारिश में सीलन के कारण खराब हो गई।
आबकारी निरोधक दल प्रभारी चन्द्रभानसिंह ने 16 जून, 2009 को रोशनजी की बाड़ी में एक मकान पर दबिश दे कर 36 पेटी बीयर, 35 पव्वे ऑफिसर च्वाॅइस, 36 पव्वे घूमर व 12 पव्वे गुलाब ब्रांड शराब बरामद की थी। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय के आदेश पर सोमवार को जमादार पूरबसिंह खाली बोतले व खाली पव्वे लेकर न्यायालय में उपस्थित हुआ।
किसी भी बोतल या पव्वे में एक बूंद भी शराब नहीं थी, किसी पर भी सील नहीं लगी तो मुकदमा नम्बर भी दर्ज नहीं था। कोर्ट ने पूछा तो इंचार्ज ने बताया कि सीलन और चूहों के पीने के कारण शराब खत्म हो गई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई 15 मई तक टाल दी है।