पुणे |
महाराष्ट्र के पुणे में सत्र न्यायालय ने नयना पुजारी अपहरण, गैंगरेप और हत्या के तीनों दोषियों योगेश राऊत, महेश ठाकुर और विश्वास को फांसी की सजा सुनाई है। मामले में दोषियों की तरफ से दया की दलील दी गई थी, लेकिन अदालत ने कहा कि इनके अपराध क्षमा के लायक नही हैं। जिस क्रूरता से दोषियों ने वारदात को अंजाम दिया था वो रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर कैटेगरी में आता है, इसलिए तीनों मौत की सजा के हकदार हैं। दरअसल, नैना पुजारी गैंगरेप मामले में 7 साल बाद फैसला अाया है। पुणे की एक आईटी कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर नैना को अगवा कर बलात्कार किया गया और बाद में हत्या कर दी गई थी। मामले में 4 आरोपी गिरफ्तार किए गए थे, जिनमें से एक बाद में सरकारी गवाह बन गया।
पत्थर मारकर चेहरा बिगाड़ा
पुलिस के मुताबिक, नैना 8 अगस्त 2009 को दफ्तर से घर जाने के लिए खरड़ी में बस स्टॉप पर खड़ी थी कि योगेश राउत नाम के शख्स इंडिका कार में वहां अाया। उसने नैना को बताया कि वो उसी तरफ जा रहा है और घर तक छोड़ देगा। लेकिन वो उसे जंगल में ले गया और अपने दोस्तों को बुलाकर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। फिर अाराेपियाें ने ओढ़नी से उसका गला घोंटकर हत्या कर दी। शव पहचान में ना आए इसलिए हत्यारों ने पत्थर मारकर चेहरा भी खराब कर दिया था। करीब महीने भर की कोशिश के बाद पुलिस ने योगेश राउत, महेश ठाकुर, विश्वास कदम और राजेश चौधरी को गिरफ्तार किया था।