नई दिल्ली |
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में गैर-निष्पादित आस्तियों (एनपीए) की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए बैंकिंग नियमन कानून में संशोधन को अध्यादेश को मंजूरी दे दी है। शीर्ष सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक का डूबा कर्ज या एनपीए 6 लाख करोड़ रुपए के भारी-भरकम आंकड़े पर पहुंच चुका है।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कोई ब्योरा दिए बिना कहा कि मंत्रिमंडल ने बुधवार को बैंकिंग क्षेत्र के संदर्भ में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की परंपरा है कि जब किसी प्रस्ताव को राष्ट्रपति के पास भेजा जाता है तो उसके ब्योरे का खुलासा उस पर मंजूरी से पहले नहीं किया जा सकता है। जेटली ने कहा कि जैसे की इस पर मंजूरी मिलेगी, इसका ब्योरा साझा किया जाएगा।