नई दिल्ली |
लाल बत्ती के इस्तेमाल पर रोक लगाने के पीछे मोदी सरकार का मकसद वीआईपी कल्चर पर लगाम कसना था, पर नेता अपने ठाठ छोड़ने को तैयार नहीं है। कई राज्यों में नेताओं ने नया जुगाड़ करते हुए इस नए नियम की काट निकाल ली है। लाल बत्ती पर बैन सोमवार से पूरी तरह लागू हो गया है। ऐसे में नेताओं ने अब अपनी गाड़ियों पर साइरन का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश और तेलंगाना में तो इसकी शुरुआत भी हो गई है, जबकि कुछ अन्य राज्यों के नेता भी यही राह पकड़ने वाले हैं। खास बात यह है कि यह नियमों के खिलाफ है और आम लोग भी इससे खासे परेशान हो रहे हैं।
मध्य प्रदेश में कुछ नेताओं ने बेमन से मुख्यमंत्री को फॉलो करते हुए अपनी गाड़ी से लाल बत्ती तो हटा दी, पर अपनी गाड़ियों में हूटर लगवा लिए, जबकि सेंट्रल मोटर वीइकल रूल्स किसी भी वाहन को ऐसा करने की इजाजत नहीं देते। इसके सेक्शन 119 में सिर्फ ऐम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड्स, कंस्ट्रक्शन के उपकरण ले जाने वाले वाहनों और पुलिस को इसके इस्तेमाल की छूट मिली है। नेताओं द्वारा अपनी कारों में हूटर का इस्तेमाल किए जाने के संबंध में जब भोपाल के एआरटीओ से बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘सिर्फ ट्रांसपॉर्ट डिपार्टमेंट और पुलिस को हूटर इस्तेमाल करने का अधिकार है। उनके अलावा कोई इसका इस्तेमाल नहीं कर सकता। जो लोग ऐसा करेंगे उन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।’