भोपाल।
मध्यप्रदेश में किसानों को फसल का उचित दाम दिलाने के लिए लागू मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना देशभर में लागू हो सकती है। इसके जरिए बाजार में उपज के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम होने पर अंतर की राशि किसान को अदा की जाएगी। कई राज्य इस योजना का मसौदा प्रदेश से ले चुके हैं। सोमवार को कृषि मंत्रालय में योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने को लेकर बैठक बुलाई गई है।
सूत्रों के मुताबिक उपज के वाजिब दाम दिलाए जाने को लेकर देशभर में किसान आंदोलन हो रहे हैं। इससे निपटने के लिए भावांतर देने के फॉर्मूले को सबसे बेहतर माना जा रहा है। इसमें न तो सरकार को फसल की खरीदी करनी पड़ेगी और न ही उसके भंडारण और फिर विपणन की कोई चिंता।
सरकार जिन फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करती है, उन्हें और अन्य फसलों को इसमें शामिल किया जा सकता है। मध्यप्रदेश में दोनों तरह की फसलों को योजना के दायरे में रखा गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय और कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि किसानों को इस योजना से काफी राहत मिलेगी। उन्हें अब यह चिंता नहीं सताएगी कि बाजार में फसल के भाव कम होने का खामियाजा उठाना पड़ेगा। सरकार इस योजना के माध्यम से अप्रत्यक्ष तौर पर बाजार को भी नियंत्रित कर सकेगी।