रुड़की।
चिकनगुनिया से परेशान लोगों के लिए बड़ी राहत वाली खबर है। आईआईटी रुड़की ने इस बीमारी से लड़ने के लिए दवाई खोजने का दावा किया है। खबरों के अनुसार दवाई पर रिसर्च कर रहे लोगों ने पाइपराजीन नामक ड्रग की एंटी वायरल प्रॉपर्टीज का पता लगाया है। उनकी यह खोज एंटीवायरल रिसर्च जर्नल में भी छपी है।
आईआईटी रुड़की के डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी की शैली तोमर के अनुसार चिकनगुनिया के लिए नई दवाई खोजने में सालों लग जाएंगे और इसके चलते हम पहले से अप्रूव हो चुकी दवाई को ही बदलकर वायरस पर प्रयोग कर रहे हैं।
रिसर्चर्स पाइपराजीन को एक फार्माकोथिरेपियुटिक एजेंट के रूप में देख रहे हैं और यह जांत रहे हैं कि कैसे चिकनगुनिया वायरस में मौजूद मॉलीक्यूल्स को कैप्सिड प्रोटिन पॉकेट में बांधा जा सकता है।
शैली के अनुसार हमारी रिसर्च में पता लगा है कि बाजार में मौजूद पाइपराजीन ड्रग ने लैब टेस्टिंग के दौरान चिकनगुनिया वायरस को फैलने से रोक दिया। फिलहाल इस दवाई को जानवरों पर टेस्ट किया जा रहा है और उम्मीद है जल्द इसका क्लिनिकल ट्रायल भी होगा।