नई दिल्ली |
हरियाणा, पंजाब और यूपी में पराली (फसल कटने के बाद बचा वेस्ट) जलाने का सिलसिला तेज हो गया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि 10-15 दिनों में दिल्ली की हवा काफी अधिक प्रदूषित हो सकती है। हालांकि, इसमें हवाओं का रुख और मौसम का असर भी बड़ा कारक रहेगा।
15 सितंबर से इन राज्यों में फसलों की कटाई शुरू होती है। इस बार बारिश की वजह से इसमें थोड़ी देरी हुई। अब पराली जलाने का सिलसिला जोर पकड़ रहा है। पिछले साल दिल्ली में जानलेवा स्मॉग का कहर था। दिवाली के तुरंत बाद नवंबर में 10 दिनों तक दिल्ली की हवा सांस लेने लायक नहीं थी। स्कूलों में छुट्टियां करनी पड़ गई थीं।
पर्यावरण पर काम कर रहे सेफ (सोशल ऐक्शन फॉर फॉरेस्ट ऐंड इनवायरनमेंट) के फाउंडर विक्रांत तोंगड़ ने बताया कि जिस तरह के दावे थे उससे लग रहा था कि असर देखने को मिलेगा। पराली जलाना शुरू हो चुका है। इस बार नया ट्रेंड देखने को मिल रहा है, जिसमें पराली ग्रुप में जलाई जा रही है। कार्रवाई से बचने के लिए कई किसान एकसाथ मिलकर पराली जला रहे हैं। गांवों में अवेयरनेस जैसे काम भी नहीं हुए। इसके अलावा, पराली के लिए जो मशीनरी लगनी थी, उसके लिए सब्सिडी भी शुरू नहीं हो सकी है। ऐसे में बड़ी समस्या यह है कि आखिर किसान पराली का क्या करें।