नई दिल्ली |
विवादित संगठन पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर जल्द ही प्रतिबंध लग सकता है। पिछले हफ्ते ही गृहमंत्रालय ने इस बाबत कई बैठकें कीं। इन बैठकों में संगठन के लोगों के खिलाफ चल रहे मामलों की जांच पर चर्चा हुई। इस संगठन के लोगों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। एनआईए समेत केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक पुलिस इस संगठन के कई लोगों के खिलाफ गंभीर मामलों में जांच कर रही है।
पीएफआई खुद को एक गैर सरकारी संगठन बताता है। इस संगठन पर कई गैर-कानून गतिविधियों में शामिल रहने का आरोप है। गृह मंत्रालय का कहना है कि इस संगठन के लोगों के संबंध जिहादी आतंकियों से हैं, साथ ही इस पर इस्लामिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने का आरोप है। पीएफआई ने खुद पर लगे इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और एनआईए की जांच को षड़यंत्र का हिस्सा बताया है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पीएफआई के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। इसमें एनआईए की वह जांच रिपोर्ट भी है, जिसमें इस संगठन पर 6 आतंकी घटनाओं में शामिल रहने का आरोप लगाया है। इसके अलावा राज्यों की पुलिस की रिपोर्ट भी एनआईए के पास है, जिसमें इस संगठन पर धार्मिक कट्टरवाद को बढ़ावा देने, आतंकी गतिविधियों में शामिल रहने और जबरन धर्मांतरण का आरोप भी लगा है।