मुंबई |
मुंबई पुलिस ने शहर में गांजे की तस्करी के कारोबार के पीछे नक्सली लिंक के होने के दावा किया है। मुंबई पुलिस के मुताबिक अधिकारियों द्वारा नक्सली संगठनों के उस ‘कलेक्शन एजेंट’ की पहचान की गई है जो कि शहर में गांजे की तस्करी से प्राप्त पैसों का इस्तेमाल छत्तीसगढ़ और ओडिशा राज्यों में नक्सली संगठनों की फंडिंग के लिए करता था।
पुलिस ने इसकी पहचान नारायण साहू नाम के शख्स के रुप में की है लेकिन अब तक इसे गिरफ्तार नहीं किया गया है। वहीं साहू के कुछ सहयोगियों को पुलिस ने 23 सितंबर को गिरफ्तार किया है जिनकी पहचान इंद्रप्रधान, प्रशांत जेना, कालिया प्रकाश और नारायण धनुर्जय के रुप में की गई है। इन लोगों के पास से पुलिस को 28 किलो गांजा भी बरामद हुआ है।
ओडिशा के नक्सल प्रभावित इलाकों से कनेक्शन
पुलिस के मुताबिक साहू और इंद्रप्रधान मुंबई समेत कई अन्य शहरों से पैसों की वसूली के लिए रखे गए थे और इन्होंने ही ओडिशा के कई नक्सल प्रभावित जिलों से मुंबई में ड्रग सप्लाई के रास्ते बनाए थे। वहीं इंद्रप्रधान को इन सामानों की डिलिवरी के लिए जरूरी लोगों की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी दी गई थी। एंटी नारकोटिक्स सेल के प्रमुख शिवदीप लांडे के मुताबिक इंद्रप्रधान और उसके गैंग ने इस काम के लिए ओडिशा के 5-6 लड़कों को रखा था और इन्हें मुंबई के बाहरी इलाके के किराए के घरों में रहने की व्यवस्था दी गई थी।