शाजापुर।
जिले में गाय समेत अन्य पालतू पशुओं की यूनिक आईडी बनाने की तैयारी हो रही है। पशु चिकित्सा विभाग ने इनकी पूरी जन्म कुंडली तैयार की जाएगी। नस्ल, उम्र, मालिक सहित उसकी हर तरह की जानकारी का बकायदा वाहन पंजीयन की तरह रजिस्ट्रेशन कर आधार पंजीयन किए जाएंगे। फिलहाल गाय-भैंस की विशेष पहचान के लिए यूनिक आईडी देकर उसके कान पर एक प्लेट चस्पा करने की कवायद तो काफी समय से चल रही है।
जिले की आबादी का करीब 80 फीसदी वर्ग कृषि से जुड़ा है। किसानों की आमदनी का जरिया फसल, सब्जी और पशुपालन है। देसी से लेकर विदेशी नस्लों तक के पालतू मवेशियों का पालन किया जा रहा है। लेकिन कौन-सा पालक किस नस्ल के मवेशी का पालन कर रहा है, इसकी जानकारी का अभाव होने से योजना बनाने में परेशानी आती है। अब गाय-भैंस जैसे पालतू मवेशियों का पूरा डाटा एकत्रित होगा। जिस तरह लोगों के आई कार्ड और आधार कार्ड होते हैं, उसी तर्ज पर काम होगा। गाय आदि मवेशियों की यूनिक आईडी से उनकी पहचान हो सकेगी।