नई दिल्ली |
भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने के मकसद से अमेरिका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस 25 सितंबर को नई दिल्ली पहुंच रहे हैं। कुछ दिन पहले ही निर्मला सीतारमण ने रक्षा मंत्री का कार्यभार संभाला है, ऐसे में मैटिस का दौरा उनके लिए काफी महत्वपूर्ण है। रक्षा मंत्री बनने के बाद किसी प्रमुख विदेशी समकक्ष के साथ उनकी यह पहली मुलाकात होगी। दोनों नेताओं के बीच 26 सितंबर को प्रतिनिधि स्तर की वार्ता होगी। दोनों देशों में समुद्री सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और संयुक्त रक्षा उत्पादन प्रॉजेक्ट पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा आक्रामक चीन और अफगानिस्तान-पाकिस्तान क्षेत्र में सुरक्षा हालात की चुनौतियों से निपटने पर भी बात की जाएगी।
वैसे, भारत और अमेरिका के बीच मजबूत सैन्य संबंध को 15 साल से ज्यादा का वक्त बीत चुका है। इस दौरान बुश और ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति रहे, लेकिन जनवरी में डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से रक्षा मंत्री के स्तर पर संबंध आगे नहीं बढ़े। रिटायर्ड मरीन कॉर्प्स जनरल मैटिस एक विशेष सैन्य विमान से दिल्ली पहुंचेंगे। उम्मीद लगाई जा रही है कि दोनों नेताओं के बीच उसी तरह के संबंध स्थापित होंगे, जैसे पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और ओबामा के समय अमेरिका के रक्षा मंत्री रहे एश्टन कार्टर के बीच थे। उस समय साउथ ब्लॉक और पेंटागन के अधिकारियों के बीच सामंजस्य व कामकाज में काफी तेजी देखी गई थी।