श्रीनगर |
सूर्यास्त होते ही भारत-पाक सीमा पर अरनिया कस्बे में गोलाबारी और गरजते मोर्टार की आवाज सुनकर स्थानीय लोग घरों के सुरक्षित कोनों पर एकजुट होकर खौफ के साए में रात बिताने को मजबूर हैं। कस्बे के आवासीय इलाके और पास की बस्तियों की ओर पाकिस्तानी सेना की अंधाधुंध गोलीबारी में पिछले चार दिनों में बीएसएफ का एक जवान शहीद हो गया जबकि एक आम नागरिक मारा गया। गोलीबारी में कई लोग घायल भी हुए हैं। कई जानवरों को भी जान गंवानी पड़ी है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हर रात मौत और तबाही के साथ मुठभेड़ होती है । पिछले चार दिनों में जम्मू और पुंछ जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा और एलओसी के पास पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी में बीएसएफ के तीन जवान घायल हो गए और एक मंदिर सहित कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए । अरनिया के निवासी यशपाल ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से हम पाकिस्तानी सैनिकों की ओर से सबसे भीषण किस्म की गोलीबारी का सामना कर रहे हैं। यहां मोर्टार बम बरस रहे हैं। हर रात हमारे लिए मौत के साथ मुठभेड़ वाली रात होती है और हर सुबह नई जिंदगी की तरह लगती है ।
उन्होंने आगे बताया कि शुक्रवार रात गोलीबारी की शुरुआत के बाद से हम अपने घर के स्टोर में छिप रहे हैं और डर के मारे सब एकजुट होकर रहते हैं। यशपाल की तरह सिया निवासी हरी सिंह ने कहा कि सीमा की बस्तियों में फिलहाल कोई नहीं सोता। पूर्व सरपंच सिंह ने कहा कि सोते वक्त डर गहरा जाता है। रात 11 बजे से सुबह तक हमें भारी गोलीबारी का सामना करना पड़ता है ।