रायपुर।
राज्य सरकार ने सूबे के 27 में से 21 जिलों की 96 तहसीलों को भले ही सूखाग्रस्त घोषित कर दिया हो लेकिन, किसानों को सरकारी मदद-इमदाद में मुश्किलें पेश आएंगी। दरअसल, राज्य की रपट में 15 जिलों को पूरी तरह व 6 जिलों की कुछ तहसीलों में सूखा बताया गया है।
इसके विपरीत केंद्र सरकार ने देश में व्यापक स्तर पर सूखे की आशंका से सिर हिला दिया है। कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने इसको लेकर स्पष्टीकरण जारी किया है। इसमें पूरे देश में केवल 95 जिलों में कम वर्षा का उल्लेख है। लेकिन उपज पिछले साल जितनी होने की उम्मीद जाहिर की है। ऐसे में किसानों को सूखा राहत की राह कठिन लग रही है।
अफसर मान रहे रपट नजरी आकलन पर
राजस्व विभाग के अफसरों के अनुसार सामान्य बारिश का पैमाना 75 फीसदी है। यानी जहां सीजन में 75 फीसदी बारिश हो गई है, वहां सूखा नहीं माना जा सकता। इसके विपरीत सरकार ने जिन 96 तहसीलों को सूखा प्रभावित घोषित किया है, उनमें से 43 में 75 फीसदी से लेकर 200 फीसदी तक बारिश हुई है।
केवल 53 तहसीलें ऐसी हैं, जहां 75 फीसदी से कम बारिश हुई। अफसर भी स्वीकार कर रहे हैं कि यह रपट नजरी आकलन के आधार पर है। अनावरी रिपोर्ट आने के बाद स्थिति बदल सकती है।