भोपाल।
मध्यप्रदेश में लाखों बच्चों और महिलाओं को दिए जाने वाले पूरक पोषण आहार की व्यवस्था में राज्य सरकार अब बदलाव करेगी। हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के फैसले के बाद पूरक पोषण आहार के नए सिरे से टेंडर होंगे। ठेकेदारी प्रथा समाप्त कर महिला मंडल और स्व-सहायता समूहों को काम दिया जाएगा। सरकार अगले डेढ़ माह में नई व्यवस्था को लागू कर सकती है।
हाईकोर्ट ने इस मामले में दायर याचिका गुरुवार को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन और केंद्र सरकार के निर्देशों के आधार पर व्यवस्था बनाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए हैं। अब सरकार इसके लिए इसी माह बनी कमेटी की बैठक बुलाएगी। इसमें नई प्रक्रिया तय होगी। वर्तमान व्यवस्था अक्टूबर में खत्म हो रही है। इस योजना पर सरकार करीब 450 करोड़ रुपए खर्च करती है।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर पिछले साल पोषण आहार व्यवस्था बदलने की कवायद शुरू हुई थी। इसके लिए कमेटी बनाई गई थी, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह, महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस, अपर मुख्य सचिव दीपक खांडेकर, प्रमुख सचिव जेएन कंसोटिया और गौरी सिंह शामिल थे।