जयपुर।
राजस्थान में कर्ज माफी समेत अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों की मांग मानते हुए 50 हजार रुपए तक का कर्ज माफ करने का फैसला किया है। सरकार से मिले आश्वासान के बाद किसानों का 13 दिन से चल रहा आंदोलन समाप्त हो गया।
किसानों के मांग पत्र पर सहमति बनाने के लिए देर रात तक पंत कृषि भवन में वार्ता चली। किसान नेता अमराराम ने बताया कि किसानों का 50 हजार रुपए तक का कर्ज माफ करने को लेकर एक उच्चस्तरीय कमेटी का गठन करने पर निर्णय लिया गया है। यह उच्चस्तरीय विशेषज्ञ और तकनीकी कमेटी इस संबंध में सभी संबंधित पक्षकारों से विचार-विमर्श कर एक महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
कमेटी उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और केरल आदि राज्यों द्वारा कर्ज माफी के लिए अपनाई गई प्रक्रिया और इसके राजस्थान की परिस्थितियों में प्रभाव का अध्यययन, परीक्षण और विश्लेषण भी करेगी। किसानों की कर्ज माफी से राज्य सरकार पर मोटे तौर पर करीब 20 हजार करोड़ का भार आएगा।
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी और मंत्री समूह के साथ चली पांच दौर की वार्ता के बाद सरकार और किसानों के बीच 10 बिन्दुओं पर सहमति बनी। उनमें फसल लागत मूल्य गणना और एमएसपी सिफारिशों में संशोधन के लिए भारत सरकार से निवेदन करने, खरीफ-2017 उत्पादों की एमएसपी पर खरीद के लिए इसी हफ्ते खरीद केन्द्र खोले जाने, पशु व्यापारियों की सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था करने, बछड़ों के निर्यात के लिए आयु सीमा तीन साल से घटाकर दो साल करने की प्रक्रिया कैबिनेट स्तरीय कमेटी द्वारा किए जाने सहित अन्य मांगों को राज्य सरकार ने शामिल किया है।
किसान नेता अमराराम ने इसे राज्य सरकार का ऐतिहासिक फैसला और किसानों की जीत बताते हुए चक्काजाम और पड़ाव की वजह से आम लोगों को हुई परेशानी के लिए खेद प्रकट किया।