नई दिल्ली।
बिहार के सीएम नीतीश कुमार के भाजपा से हाथ मिलाने के बाद से ही उनकी पार्टी जनता दल यूनाइटेड में खींचतान मची हुई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव इस मामले में नीतीश की खुलकर मुखालफत कर रहे हैं। इस बीच पार्टी के सिंबल को लेकर शरद यादव को चुनाव आयोग ने झटका दिया है। इसके बाद भी शरद यादव अपनी लड़ाई जारी रखने की बात कर रहे हैं।
चुनाव आयोग की ओर से पार्टी का प्रतीक चिन्ह न दिए जाने के बाद जद यू के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने कहा कि यह एक संघर्ष और जंग है जिसे मैं जीतूंगा। उन्होंने आगे बताया, ‘यह एक तरह का संघर्ष और लड़ाई है। हम इसका सामना करने के लिए तैयार हैं। मैं आज नहीं बोल रहा क्योंकि अभी हर किसी को केवल सुन रहा हूं। चुनाव आयोग ने मंगलवार को सबूतों के अभाव में शरद यादव के उस दावे को खारिज कर दिया है, जिसमें जद यू का पार्टी सिंबल उन्हें देने के लिए आवेदन दिया गया था।
शरद यादव द्वारा दायर की गयी याचिका के विरोध में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता वाली पार्टी जदयू भी चुनाव आयोग के पास अपनी याचिका लेकर पहुंची। जदयू ने यह भी कहा है कि शरद यादव ने अपनी मर्जी से पार्टी का साथ छोड़ा है व पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त हैं। इसके विरोध में याचिका दायर करने वाले प्रतिनिधिमंडल में आरसीपी सिंह, संजय झा, ललन सिंह व केसी त्यागी हैं।