इंदौर।
इंदौर-रतलाम बरास्ता फतेहाबाद ब्रॉड गेज के विद्युतीकरण को लेकर फिलहाल कोई सरगर्मी दिखाई नहीं दे रही है। यह काम रेल मंत्रालय ने इसी साल बजट में शामिल किया था। अब तक इसकी घोषणा हुए छह महीने से ज्यादा हो चुके हैं, लेकिन एक-डेढ़ महीने में भी काम शुरू होने की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। रेल लाइन का विद्युतीकरण मूलत: इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन से रतलाम तक होना है, जिसकी लंबाई 115 किलोमीटर है। इस महत्वपूर्ण काम पर 97.99 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
बजट में इस काम के लिए सिर्फ एक लाख रुपए की राशि टोकन अमाउंट के रूप में दी गई थी। जानकारों का कहना है कि एक बार योजना बजट में शामिल होने के बाद मंत्रालय उसका फाइनल लोकेशन सर्वे करता है जिसमें हर विषय को लेकर बातें तय कर दी जाती हैं। पिछले दिनों लाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे भी पूरा हो चुका है।
यह लाइन विद्युतीकृत होती है तो न केवल यहां से गुजरने वाली मालगाड़ियों को बिजली इंजन से चलाया जा सकेगा बल्कि यात्री ट्रेनों की गति भी बढ़ेगी। इस रूट पर रतलाम-महू के बीच दौड़ रही डीजल मल्टीपल यूनिट (डेमू) ट्रेनों को इलेक्ट्रिकल मल्टीपल यूनिट (ईएमयू) में बदला जा सकेगा। माना जा रहा है कि विद्युतीकरण शुरू होने के बाद उसे पूरा होने में कम से कम सालभर लगेगा।