नई दिल्ली |
चीन की मदद से उत्तर कोरिया और पाकिस्तान का लगातार गुपचुप तरीके से परमाणु हथियार और मिसाइलें विकसित करना भारत के लिए बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है। बीते रविवार उत्तरी कोरिया के हाइड्रोजन बम के परीक्षण ने भारत की चिंताएं और बढ़ा दी हैं। भारत को डर है कि नॉर्थ कोरिया के साथ सांठ-गांठ कर पाकिस्तान नई दिल्ली के खिलाफ प्योंगयांग के न्यूक्लियर हथियारों और मिसाइलों का फायदा उठा सकता है।
भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को इस बात का भी यकीन है कि चीन भले ही नॉर्थ कोरिया के न्यूक्लियर टेस्ट की निंदा कर रहा हो लेकिन वह इस बात से इनकार नहीं कर सकता कि इस्लामाबाद और प्योंगयांग के तेजी से न्यूक्लियर और बलिस्टक मिसाइलों के विकसित करने के पीछे उसी का हाथ है।
पाकिस्तान ने बड़ी ही तेजी से अपने परमाणु हथियारों और मिसाइलों की संख्या में इजाफा किया है। परमाणु हथियारों के मामले में तो वह अब भारत से आगे निकल चुका है। अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान के पास करीब 130-140 परमाणु हथियार हैं जबकि भारत के पास 110-120 हथियार हैं। पाकिस्तान ने अपने यूरेनियम आधारित न्यूक्लियर प्रोग्राम को भी आगे बढ़ाया है। अब वह प्लूटोनियम आधारित न्यूक्लियर प्रोग्राम पर काम कर रहा है। एक अधिकारी के मुताबिक प्लूटोनियम से हथियारों और मिसाइलों की क्षमता और बढ़ जाती है।