नई दिल्ली |
जदयू द्वारा शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने की मांग पर सवाल खड़ा हो गया है। बागी नेता शरद यादव ने पार्टी पर जो दावा किया है उसका फैसला अभी चुनाव आयोग द्वारा किया जाना है, उसके बाद ही राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू शरद यादव की सदस्यता को लेकर कोई फैसला कर सकते हैं।
जानकारी के अनुसार, शरद यादव के दल ने चुनाव आयोग के सामने एक दावा पेेश किया है जिसमें उन्होंने पार्टी और निशान को अपना बताया है। बता दें कि जदयू के संसदीय दल के नेता आरसीपी सिंह और महासचिव संजय झा ने सभापति वेंकैया नायडू यादव की राज्यसभा सदस्यता रद्द करने हेतु ज्ञापन दिया था।
शरद यादव के सहयोगी जावेद रजा का कहना है कि नीतीश कुमार का दल शरद यादव के खिलाफ जो रणनीति बनाने में जुटा हुआ है, वह व्यर्थ है क्योंकि यह मामला चुनाव आयोग के पास है। जावेद रजा ने कहा कि इसी बात को स्पष्ट करने के लिए शरद यादव ने चुनाव पत्र की एक प्रति राज्यसभा के सभापति को भेजी है। शरद के सहयोगी नेताओं का मानना है कि सीएम नीतीश कुमार के पास शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता को रद्द करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।