बड़वानी।
सरदार सरोवर परियोजना के डूब क्षेत्र में 53 साल पुराना राजघाट पुल भी समाधि ले रहा है। नर्मदा का जल स्तर 125.200 मीटर से ऊपर पहुंचने के बाद सोमवार सुबह प्रशासन ने पुल को बंद कर दिया। इस पुल से धार, झाबुआ और आलीरापुर के लिए रास्ता निकलता था।
इस पुल का शुभारंभ 29 फरवरी 1964 को तत्कालीन मुख्यमंत्री पं. द्वारकाप्रसाद मिश्र ने किया था। उस समय क्षेत्र में खलघाट के पुराने पुल के बाद यह दूसरा पुल था। पुल बनने के बाद इस मार्ग को खंडवा-बड़ोदरा स्टेट हाईवे का दर्जा मिला था। सरदार सरोवर परियोजना के डूब में इस पुल के आने के चलते 1999 में छोटी कसरावद में नए पुल का कार्य प्रारंभ हुआ था, जो वर्ष 2005 में शुरू हुआ था। साथ ही स्टेट हाईवे का बायपास निर्माण कर नए पुल से जोड़ा गया।
इसके बाद भी राजघाट पुल से धार जिले के करीब 40 गांव के हजारों लोग बड़वानी व्यापारी, शिक्षा व स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आना-जाना करते रहे। नया पुल बनने के बावजूद 70 से अधिक यात्री बसें इस पुल से होकर धार, झाबुआ व आलीराजपुर जिलों को जा रही थीं।