नई दिल्ली |
वित्त मंत्री के साथ रक्षा मंत्री का पद संभाल रहे अरुण जेटली ने गुरुवार को संकेत दिए कि वह लंबे समय तक रक्षा मंत्री नहीं रहेंगे। एक प्रेस ब्रीफिंग में रक्षा मंत्री के टेन्योर के बारे में पूछे जाने पर जेटली ने कहा, कम से कम मैं लंबे समय तक इस पद पर रहने की उम्मीद नहीं करता हूं। हालांकि यह फैसला मैं नहीं कर सकता हूं। दूसरी ओर, नोटबंदी पर जेटली ने कहा कि इसके नतीजे हमारी उम्मीदों के अनुसार ही है और इकोनॉमी को मीडियम से लॉन्ग टर्म में फायदा होगा। रिजर्व बैंक ने बुधवार को नोटबंदी के दौरान बंद करंसी की डिपॉजिट रिपोर्ट जारी की।
इसमें करीब 99 फीसदी करंसी वापस सिस्टम में आ गई है। जेटली ने कहा कि अगला कदम चुनाव में इस्तेमाल होने वाली ब्लैकमनी को खत्म करने के लिए उठाया जाएगा। यह प्रपोजल फाइल स्टेज में है। इस पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा, नोटबंदी के बाद पूरी ब्लैकमनी खत्म हो जाएगी, ऐसी कोई उम्मीद नहीं थी। इनफॉर्मल इकोनॉमी फॉर्मल बन गई है और इससे सिस्टम में ट्रांसपरेंसी आई है। जिन उद्देश्यों से नोटबंदी की गई थी वे हासिल हो गए हैं। हकीकत यह है कि बैंक में पैसा जमा कराने से वो वैलिड नहीं हो जाता।