नई दिल्ली |
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिर्फाम ने चुनावी ट्रस्टों के चंदे को लेकर ट्रस्टों की साल 2015-2016 की वित्तीय रिपोर्ट जारी कर दी है। इस रिपोर्ट में एडीआर ने कई अहम बातें बताई हैं। ट्रस्टों को कई महत्वपूर्ण सुझाव देने के साथ ही संस्था ने सवाल उठाए हैं। मसलन एडीआर का कहना है कि 2013 से पहले छह चुनावी ट्रस्ट बने हैं, जो 2013 में सीबीडीटी के द्वारा बनाए गए नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। बरहाल पिछले वित्तीय वर्ष में सिर्फ तीन ही पार्टियों को इन ट्रस्टों की ओर से चंदा मिला और इसमें सबसे ज्यादा चंदा सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के हिस्से में आया।
भाजपा की बल्ले-बल्ले
45 करोड़ रुपए दोनों कंपनियों ने दिए भाजपा को
02 करोड़ रुपए मिले कांग्रेस को
1.50 करोड़ रुपए मिले जदयू को
95 फीसदी रकम दी ट्रस्टों ने पार्टियों को
45 करोड़ रुपए सत्या ट्रस्ट ने पार्टियों को दिए
2.50 करोड़ की रकम समाज ट्रस्ट ने पार्टियों को दी