पटना |
बिहार में हुए सियासी घमासान के कारण बगावत पर उतर चुके नेता शरद यादव के दिन अब जदयू में खत्म होने की कगार पर पहुंच चुकें हैं। उनका पार्टी से निकलना लगभग तय माना जा रहा है। उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। जदयू चाहती है कि पार्टी से निकालने से पहले शरद की राज्यसभा की सदस्यता को रद्द कर दिया जाए। वहीं दूसरी तरफ शरद यादव अपने दल को असली जदयू बताते हुए नीतीश कुमार को पार्टी से बाहर करने की तैयारी में हैं।
जदयू के प्रधान राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा है कि भ्रष्टाचार का आरोप झेल रहे लालू प्रसाद यादव का साथ देकर शरद यादव ने स्वयं पार्टी से विदा होने का रास्ता अपनाया है। उन्होंने एक भ्रष्टाचारी का साथ देकर अपनी स्वच्छ छवि को खतरे में डाल दिया है। केसी त्यागी का कहना है कि उन्होंने अपने अब तक के राजनीति सफर में कभी किसी अपराधी का पक्ष नही लिया था।
शरद यादव के करीबी अरुण श्रीवास्तव का मानना है कि शरद यादव ने जनता के अपमान का बदला लेने के लिए यह कदम उठाया है। भाजपा के खिलाफ विपक्ष दलों को एकजुट करने के लिए वह राजद का साथ दे रहें हैं।