नई दिल्ली |
कई विपक्षी पार्टियां बीजेपी शासित राज्य मध्य प्रदेश के शहर इंदौर में बुधवार को संयुक्त सम्मेलन करेंगी। यह सम्मेलन बीजेपी-आरएसएस के खिलाफ कैंपेन तैयार करने की उनकी कोशिशों का हिस्सा है। साथ ही, इसके जरिये देश में बहुलतावादी संस्कृति की जरूरत को लेकर जागरूकता फैलाई जाएगी। हाल में तकरीबन 16 विपक्षी पार्टियों ने दिल्ली में ‘साझी विरासत बचाओ’ सम्मेलन किया था। इसके बाद विपक्षी पार्टियों का यह दूसरा सम्मेलन होगा। यह सम्मेलन आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव की पटना में हुई रैली के कुछ दिनों बाद हो रही है।
इंदौर के इस सम्मेलन में जिनके शामिल होने की उम्मीद है, उनमें जेडी(यू) के बागी नेता शरद यादव, आनंद शर्मा (कांग्रेस), सीताराम येचुरी (सीपीएम), तारिक अनवर (एनसीपी), धर्मेंद्र यादव (समाजवादी पार्टी), मनोज झा (आरजेडी), डी राजा (सीपीआई), प्रकाश अंबेडकर (आरपीआई-पी) आदि शामिल हैं। शरद यादव ने हाल में विपक्षी पार्टियों की ‘राष्ट्रीय समिति’ बनाई है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि इंदौर में बुधवार को होने वाले ‘भारत की साझी संस्कृति बचाओ’ सम्मेलन का मकसद भारत की बहुलतावादी संस्कृति की सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना है, जिसे बीजेपी-आरएसएस की विभाजनकारी राजनीति से खतरा है। उनके मुताबिक, इस सम्मेलन में समान विचारधारा वाली विपक्षी पार्टियों की बढ़ती एकजुटता का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
इस सम्मलेन के आयोजकों ने यह भी बताया कि अलग-अलग राज्यों में इस तरह के कार्यक्रमों के आयोजन की योजना है। उनके मुताबिक, दिल्ली में हुए सम्मेलन में इस बात पर सहमति बनी थी कि संबंधित नेताओं की उपलब्धता और सहूलियत के आधार पर पार्टियां इस तरह के सम्मेलन आयोजित करेंगी। चूंकि इस तरह के सम्मेलन तकरीबन सभी राज्यों में होंगे, लिहाजा राजनीतिक प्राथमिकता पहले वैसे बीजेपी शासित राज्यों में इस तरह का सम्मेलन आयोजित करने की होगी, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं।