चंडीगढ़।
दुष्कर्म के दोषी डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम को रोहतक की सुनरिया जेल में बनाई गई अस्थायी कोर्ट में जज ने 10 साल की सजा सुनाई है। जिस वक्त सजा सुनाई जा रही थी उस वक्त राम रहीम हाथ जोड़े आंखों में आंसू लिए माफी की मांग कर रहा था। अदालत ने यह सजा धारा 376, 511 और 501 के तहत सुनाई है। फैसले के चलते जेल के बाहर भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
सजा सुनाए जाने के बाद राम रहीम जमीन पर बैठकर रोने लगा लेकिन उसे ले जाकर मेडिकल किया गया और फिर उसे कैदियों के कपड़े दिए गए। इन्हें पहनते ही उसे जेल की नई बैरक में शिफ्ट किया जाएगा जहां उसे सजा के दौरान काम भी करना पड़ेगा।
जब कोर्ट में सुनवाई जारी थी तभी सिरसा में के फुल्का मेंकुछ गाड़ियों को आग लगा दी गई। इसकी जानकारी सीबीआई ने फैसला सुना रहे जज को भी दी।
राम रहीम के वकीलों ने की थी दया की मांग
इससे पहले सीबीआई और बचाव पक्ष दोनों के ही वकीलों ने 10-10 मीनट में अपना पक्ष रखा। जहां सीबीआई ने राम रहीम के खिलाफ सर्वाधिक सजा की मांग की गई थी।
सीबीआई के वकील ने कहा कि अब कोई संशय नहीं है। साध्वियों का यौन शोषण किया गया है। भावनाओं का दोहन किया है डेरा प्रमुख है। उसे मिलने वाली सजा कम है। वहीं बचाव पक्ष के वकील ने कहा राम रहीम समाजसेवी है और उनके कामों को देखते हुए सजा कम की जाए। वकील ने इस दौरान राम रहीम के विभिन्न कामों का भी जिक्र किया।
यह पहली बार है जब हरियाणा के किसी जेल परिसर में अदालत लगाकर सजा सुनाई गई है। फैसले के चलते पूरी जेल के आसपास भारी सुरक्षा इंतजाम किए गए थे वहीं रोहतक में भी चप्पे-चप्पे पर नजर रखी जा रही है।