नई दिल्ली |
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए अगले सप्ताह चीन के श्यामन शहर जाने वाले हैं। मोदी के चीन दौरे से पहले भारत उम्मीद कर रहा कि डोकलाम विवाद के चलते दोनों देशों के संबंधों में आए तनाव में कुछ कमी आएगी। रणनीतिक जानकारों का मानना है कि 3 से 5 सितंबर के बीच होने वाले इस सम्मेलन से पहले अगर मेजबान चीन की ओर से सकरात्मक रुख अपनाया जाता है तो प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच बातचीत का अजेंडा तय करने में मदद मिल सकती है। सूत्र बता रहे हैं कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन इसमें अहम भूमिका निभा सकते हैं।
हालांकि अभी तक कोई ऐसा संकेत नहीं मिला है जिसके आधार पर यह कहा जा सके कि रिश्तों में आया तनाव तुरंत खत्म हो जाएगा, लेकिन इस बात की संभावना जरूर है कि प्रधानमंत्री मोदी का आगामी चीन दौरा रिश्तों में जमी बर्फ को पिघलाने की शुरुआत साबित हो। जानकारों का कहना है कि ब्रिक्स सम्मेलन के बाद महीनेभर के अंदर ही कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की ‘पार्टी कांग्रेस’ चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के दूसरे कार्यकाल को मंजूरी दे सकती है। ऐसे में सबकी नजर इस बात पर है कि पार्टी कांग्रेस की बैठक से पहले चिनफिंग भारत के साथ सीमा पर शांति कायम करने की दिशा में कुछ कर पाते हैं या नहीं।
डोकलाम: पुतिन कराएंगे भारत-चीन में दोस्ती?
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