नई दिल्ली |
आतंकवाद को पनाह देने के आरोपों से भले ही पाकिस्तान कितना भी इनकार करे लेकिन धीरे-धीरे ही सही पर अब उसके करीबी दोस्त देशों ने भी दूरी बनानी शुरू कर दी है। इसका ताजा उदाहरण है खाड़ी देश कतर का पाकिस्तान को अपनी महत्वपूर्ण योजना से दूर रखना। हैरानी की बात यह है कि कतर ने अपनी नई योजना में भारत और चीन को शामिल किया है लेकिन पाकिस्तान का कहीं नाम तक नहीं है।
सऊदी सहित गल्फ कोऑपरेशन काउंसिल (GCC) देशों के साथ संबंध टूटने के बाद अकेले पड़े कतर ने टूरिस्ट्स और व्यवसायियों को आकर्षित करने के मकसद से 80 देशों के लिए वीजा-फ्री एंट्री प्रोग्राम पेश किया। इन देशों में अमेरिका, यूरोपीय देश, भारत, चीन, रूस शामिल हैं लेकिन उसके करीबी सहयोगियों में से एक पाकिस्तान को जगह नहीं दी गई। कतर के इस कदम का इस्लामाबाद ने विरोध किया लेकिन, दोहा की ओर से कोई बदलाव नहीं किया गया।
GCC में शामिल अन्य देश कुवैत ने, साल 2011 से ही पाकिस्तान पर वीजा प्रतिबंध लगा रखे हैं। हालांकि, वीजा पूरी तरह से प्रतिबंधित नहीं लेकिन पाकिस्तानियों को कुवैत जाने के लिए काफी सख्त जांच से गुजरना पड़ता है। पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने खुद इसी साल मार्च में इस मामले को कुवैती सरकार के सामने उठाया लेकिन इस प्रतिबंध की समीक्षा के वादे के बावजूद पाकिस्तान अभी भी प्रतिबंधित सूची में शामिल है।