नई दिल्ली |
हाल में सुप्रीम कोर्ट ने दागी नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग वाली एक याचिका को 5 जजों की संविधान पीठ के हवाले किया था। याचिका में उन नेताओं के चुनाव लड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई है जिनके खिलाफ किसी ऐसे अपराध के लिए चार्जशीट दाखिल हुई हो जिसमें 5 साल तक की सजा मुमकिन हो। इसके बाद अब संसद की एक कमेटी ने इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों से राय मांगी है कि क्या किसी व्यक्ति के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होने की वजह से उसे चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराया जा सकता है?
लॉ ऐंड पर्सनल पर पार्ल्यामेंटरी स्टैंडिंग कमेटी ने चुनाव सुधारों की जांच करते हुए सभी दलों से सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर अपना जवाब देने को कहा है। राजनीतिक दलों को भेजे गए मेल में कमेटी ने लिखा है कि अगर चार्जशीट के बाद कोई स्वतः चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य हो जाए तो इसका दुरुपयोग हो सकता है। खासकर सत्ताधारी दल।
वर्तमान में ये व्यवस्था है कि जितने समय के लिए अदालत उम्मीदवार दोषी ठहराती है। तब तक के वो अयोग्य रहता है। ये व्यवस्था भी जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद हुई थी। लालू प्रसाद यादव और शशिकला जैसे नेता इसके प्रमुख उदाहरण हैं।