इंदौर।
पासपोर्ट की तर्ज पर अब आरटीओ में आने वाली हर फाइल को बार कोड दिया जाएगा। इससे पता चलेगा कि किस फाइल पर कितना काम हुआ है।
आरटीओ डॉ. एमपी सिंह ने बताया अकसर फाइलों पर काम नहीं होने की बात कही जाती है, इसलिए यह नई व्यवस्था कर रहे हैं। इसमें संबधित शाखा में फाइल आते ही सॉफ्टवेयर में उसकी एंट्री होगी। इसके बाद उसे एक बार कोड दिया जाएगा। जब फाइल कार्रवाई के लिए बढ़ेगी और एआरटीओ या उनके (आरटीओ) पास आएगी तब भी उसकी एंट्री होगी।
इसके बाद फाइल वापस संबधित शाखा में पहुंचेगी या रजिस्ट्रेशन कार्ड प्रिंट होगा, तब भी जानकारी मिल जाएगी। इसके अलावा कार्ड प्रिंट होते ही आवेदक के मोबाइल पर मैसेज पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। नई व्यवस्था में कार्ड नहीं मिलने पर आवेदक बाबू के पास पहुंचेगा तो उसे पता चल जाएगा कि आखिर फाइल किस स्तर पर अटक गई है। आरटीओ ने बताया मौजूदा व्यवस्था में फाइल अटकने पर आवेदक को पता ही नहीं रहता है और वह कार्यालय में एक शाखा से दूसरी शाखा के चक्कर काटता रहता है। इस बारे में स्मार्ट चिप कंपनी को तैयारी करने को कहा है। यह प्रयोग इंदौर में सफल रहा तो पूरे प्रदेश में व्यवस्था लागू कराई जाएगी।